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गुजरात चुनाव : पहले दौर का मतदान

पहले चरण का चुनाव प्रचार 89 सीटों के लिए खत्म हो गया। चुनाव प्रचार पहले चरण के लिए समाप्त हुआ। अब यह अहम होगा कि सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात क्षेत्रों में भाजपा का मजबूत आधार है इसमें कांग्रेस कितना सेंध लगा पायी है यह 18 दिसम्बर को ही पता चलेगा।
बड़े दुर्भाग्य कि बात है चुनाव में बहुत मजबूत मुद्दे के बाबजूद आरक्षण और जाति पर ही पूरा ध्यान केंद्रित रहा। मैं ऐसा नहीं मानता हूँ कि विकास के मुद्दे पर ही हमेशा से चुनाव लड़ा गया है, बल्कि विकास हमेशा से ही दिखाने के लिए होता है और उसी के आड़ में जाति मुद्दे को छिपाया जाता है। सच यह है कि युवाओं, कृषकों, मजदूरों और गरीबों में बढ़ते असंतोष को कोई भी सरकार ने पर्याप्त सुविधा ही नहीं दिया। मतों के मामले में समानता और आर्थिक मामलों में असमानता एक दूसरे के विरोधाभासी है लेकिन इस ओर ध्यान नहीं जाता है क्यूंकि जाति जैसे भावनात्मक मुद्दे शामिल है।
इस चरण में काफी रैली हुई। प्रचार के आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह समेत कई दिग्गजों की रैलियां हैं ।  PM मोदी सूरत में रैली को संबोधित करेंगे. पहले चरण के लिए 9 दिसंबर को 89 विधानसभा सीटों पर वोट डाले जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा अमित शाह कडना, खरेलू, सिद्धपुर में रैलियां करेंगे । विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अहमदाबाद और यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ सोमनाथ मंदिर में दर्शन कर राजकोट, वडोदरा में रैलियां करेंगे । पाटीदार नेता हार्दिक पटेल भी आज भावनगर में रैली करगें।[1]
48 घंटे पहले चुनाव प्रचार बंद हो जाता है। यह परम्परा अच्छी है क्यूंकि इसमें मतदाता को भी सोचने और समझने का मौका मिल जाता है। इस बार पहले चरण में दक्षिण गुजरात और सौराष्ट्र के 19 जिलों में चुनाव होना है। इसके लिए 57 महिलाओं समेत कुल 977 उम्मीदवार मैदान में हैं। सत्तारूढ भाजपा ने सभी 89 सीटों पर जबकि मुख्य विपक्षी कांग्रेस ने 87 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं। बसपा ने 64, सपा ने चार, श्री वाघेला के जन विकल्प मोर्चा ने 48, आप ने 21, जदयू ने 14, राकांपा ने 30 और शिवसेना ने 25 प्रत्याशी उतारे हैं। कुल 443 निर्दलीय भी मैदान में हैं। पहले चरण में प्रमुख चेहरों में राजकोट पश्चिम सीट से मुख्यमंत्री रूपाणी, भावनगर पश्चिम से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष जीतू वाघाणी, पोरबंदर से भाजपा के बाबू बोखिरिया तथा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया और मांडवी से कांग्रेस के शक्ति सिंह गोहिल शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गुजरात बीजेपी के एससी-एसटी मोर्चा के कार्यकर्ताओं से ऑडियो संवाद करेंगे, जिसे इसी कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। इसके साथ ही गुजरात के तटीय इलाकों के बीजेपी कार्यकर्ताओं से भी पीएम मोदी ऑडियो संवाद करेंगे। प्रधानमंत्री ओखी तूफान को लेकर इन लोगों की चिंताओं को सुनेंगे. प्रधानमंत्री ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। 
करीब 10,000 कार्यकर्ताओं को एक साथ पीएम मोदी का फोन जाएगा और ऑडियो ब्रिज तकनीक के जरिए एक साथ सभी से संवाद करेंगे। पीएम मोदी दिल्ली में अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर का भी उद्घाटन करेंगे। पीएम के मुताबिक, इसके जरिए युवाओं को शोध करने में मदद मिलेगी। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले दौर के मतदान के लिए गुरुवार को सूरत में एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे।   भाजपा के प्रचार की मुख्य कमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही संभाल रखी है, जबकि कांग्रेस के सबसे बड़े प्रचारक राहुल गांधी हैं। भाजपा ने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, चुनाव प्रभारी सह वित्त मंत्री अरुण जेटली, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, गृह मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई मंत्रियों, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान को भी प्रचार में लगाया है। कांग्रेस ने भी पूर्व केंद्रीय मंत्रियों के अलावा युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया, सचिन पायलट से भी प्रचार कराया है। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने भी कुछ रोड शो किए। पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के नेता हार्दिक पटेल ने कई रोड शो और सभाएं की हैं। समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव और बसपा की मायावती भी अंतिम समय में प्रचार में कूद पड़े। अभिनेता से नेता बने भाजपा के सांसद परेश रावल, भोजपुरी स्टार मनोज तिवारी और प्रत्याशी सह गुजराती फिल्म अभिनेता हितू कनोडिया और उनके पिता नरेश कनोडिया तथा कांग्रेस की ओर से राज बब्बर और नगमा ने प्रचार किया।[2] 

इस चुनाव प्रचार में नैतिकता के मानदंड को बचाने के कबायद में ही मणिशंकर अय्यर कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित किया गया। हिंदुस्तान अख़बार के अनुसार कांग्रेस पार्टी ने अपने वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। कांग्रेस ने यह कदम मणिशंकर अय्यर द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद उठाया। गौरतलब है कि मणिशंकर अय्यर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया था। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए कहा, 'इस आदमी में कोई सभ्यता नहीं है और ऐसे मौके पर इस किस्म की गंदी राजनीति करने की क्या आवश्यकता है?' मणिशंकर अय्यर द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए इस्तेमाल की गई आपत्तिजनक भाषा पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, 'भाजपा और प्रधानमंत्री लगातार कांग्रेस पर हमला करने के लिए गलत भाषा का इस्तेमाल करते हैं। कांग्रेस पार्टी में अलग तरह की परंपरा और विरासत रही है। मैं पीएम मोदी को संबोधित करने के लिए मणिशंकर अय्यर द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा और तरीके का समर्थन नहीं करता। कांग्रेस और मैं दोनों चाहते हैं कि जो भी उन्होंने कहा उसके लिए वो माफी मांगें।'[3]
गुजरात चुनाव के पहले दौर के चुनाव ने ही राहुल गाँधी को कांग्रेस के अध्यक्ष का पद भी दिलाया और उनके नेतृत्व में जुझारूपन से अब इंकार नहीं किया किया जा सकता है। गुजरात का परिणाम जो भी हों लेकिन नव निर्वाचित कांग्रेस अध्यक्ष पर आशाओं और अपेक्षाओं का बोझ जरूर आया।
यह चुनाव धर्म, जाति और आरक्षण के केंद्रबिंदु के ख्याल से काफी महत्वपूर्ण रहा। उद्यम राज्य में लाभ ही मूल मत्र है अब देखना यह है कि गुजरात अपनी परम्पराओं से आगे निकल पायेगा ?



[1] https://aajtak.intoday.in
[2] https://www.livehindustan.com
[3] https://www.livehindustan.com

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